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गणेश चतुर्थी  :--

                                    गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्म का पर्व है, जिसे पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार मुख्य रूप से महाराष्ट्र में मनाया जाता था, लेकिन लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने 1893 में इसे सार्वजनिक रूप से मनाने का निर्णय लिया ताकि समाज को एकजुट किया जा सके। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान गणेश बुद्धि, समृद्धि और बाधाओं को दूर करने वाले देवता हैं। इस त्योहार के दौरान, लोग गणेश की मूर्ति की स्थापना करते हैं और 10 दिनों तक पूजा-अर्चना के बाद विसर्जन करते हैं।
                                        
                                    
                                     गणेश चतुर्थी के दौरान, लोग अपने घरों और सार्वजनिक स्थानों पर भगवान गणेश की मूर्तियों की स्थापना करते हैं। मूर्तियों की सजावट बहुत ही भव्य और रंगीन होती है। पूजा के दौरान, भक्त गणेश जी की आरती करते हैं, भजन गाते हैं और विभिन्न प्रसाद अर्पित करते हैं।

                                    
                                     पारंपरिक रूप से, इस त्योहार की अवधि 10 दिनों की होती है। दसवें दिन, जिसे अनंत चतुर्दशी कहा जाता है, गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। यह विसर्जन आमतौर पर नदियों या तालाबों में किया जाता है, और इस दौरान विशाल जुलूस और संगीत के साथ गणेश जी की विदाई की जाती हैविसर्जन के समय भक्त गणेश जी से अगले साल फिर से आने की प्रार्थना करते हैं और उन्हें आदरपूर्वक विदाई देते हैं

                    


Celebrations In India :-- भारत में उत्सव :--

            
                                                                    यह त्योहार गणेश को नई शुरुआत के देवता और बाधाओं को दूर करने वाले के साथ-साथ ज्ञान और बुद्धिमत्ता के देवता के रूप में मनाता है।और पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में हिंदुओं द्वारा मनाया जाता है, खासकर महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में। , कर्नाटक, केरल, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और गोवा, साथ ही नेपाल।गणेश चतुर्थी ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, कनाडा, सिंगापुर, मलेशिया, त्रिनिदाद और टोबैगो, गुयाना, सूरीनाम, कैरेबियन के अन्य हिस्सों, फिजी, मॉरीशस, दक्षिण अफ्रीका, संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे अन्य हिस्सों में भी हिंदू प्रवासी समुदाय द्वारा मनाई जाती हैराज्य और यूरोप. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, गणेश चतुर्थी हर साल 22 अगस्त से 20 सितंबर के बीच आती है
    


 गणेश स्थापना के शुभ मुहूर्त 

                                                        गणेश स्थापना के शुभ मुहूर्त  की जानकारी प्रत्येक साल के अनुसार बदलती है, क्योंकि यह हिन्दू पंचांग की तिथियों पर निर्भर करता है। गणेश चतुर्थी के दिन गणेश स्थापना का सही मुहूर्त जानने के लिए साल की गणेश चतुर्थी की तिथि और चतुर्थी तिथि के उदयकाल की जानकारी महत्वपूर्ण होती है। 


                                                आमतौर पर, गणेश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का चयन इस प्रकार किया जाता है: गणेश चतुर्थी तिथि: गणेश चतुर्थी तिथि के दिन प्रात: से लेकर दिन के कुछ विशेष समय तक गणेश स्थापना की जाती है। 
    
                                सही मुहूर्त का पता लगाने के लिए स्थानीय पंचांग या धार्मिक कैलेंडर देखना चाहिए। लाभ, अमृत और विजया योग: इन विशेष योगों के समय भी गणेश स्थापना करना शुभ माना जाता है। ये योग पंचांग के अनुसार निर्धारित होते हैं।

                    In 2024, के गणेश चतुर्थी के शुभ मुहूर्त की जानकारी इस प्रकारी:

                   *. गणेम चतुर्थी की तिथि: 9 सितंबर 2024 (सोमवार)
                   *. गणेश स्थापना का शुभ समय (मुहूर्त): प्रात: मुहूर्त: 11:03 AM से 01:34 PM तक अलपभद्र:
                     **.08:43 AM से 09:05 AM तक (अधिकांश धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह समय भी                                                         शुभ माना जाता है)


कैसा करा जय गणपति जी के स्थापना और पूजा अर्चन पूर्ण बिधि


                                 भगवान गणेश की स्थापना की प्रक्रिया धार्मिक और पारंपरिक है। यहां एक सामान्य मार्गदर्शिका दी गई है, जिसे आप गणेश चतुर्थी के दिन पालन कर सकते हैं:
          गणेश स्थापना की विधि 
1. **स्थान की तैयारी**: - एक स्वच्छ और पवित्र स्थान चुनें जहाँ आप गणेश जी की मूर्ति की स्थापना करेंगे। - वहां  एक सुंदर कपड़ा बिछाएं और एक छोटा वेदी (पंडित) तैयार करें। 
2. **गणेश जी की मूर्ति का चयन**: - मूर्ति को ध्यानपूर्वक चयन करें। इसे घर के आकार के अनुसार चुनें                                                                 और सुनिश्चित करें कि मूर्ति सुंदर और साफ हो। 
3. **स्थापना से पहले की तैयारी**: - गणेश जी की मूर्ति को घर लाने से पहले उसे अच्छे से स्नान कराएं                                                                 

और  शुद्धता के लिए मंत्रों का जाप करें। 
4. **स्थापना की प्रक्रिया**: - मूर्ति को वेदी पर रखें और उसे साफ पानी से स्नान कराएं। इसके बाद उसे                                                     पंखा और फूल से सजाएं। - गणेश जी की पूजा के लिए एक छोटा सा पीढ़ा                                                 (वस्त्र) तैयार करें, और उस पर गणेश जी की मूर्ति रखें।
 5. **अर्चना और पूजन**: - गणेश जी के सामने दीपक जलाएं। - गणेश जी को लाल, पीले या अन्य रंग के                                                 फूल अर्पित करें। - पूजा के दौरान “ॐ गण गणपतये नमः” या “ॐ श्री                                                             गणेशाय नमः”  मंत्र का जाप करें। - गणेश जी को मिठाई और अन्य                                                                     प्रसाद अर्पित करें।
 6. **गणेश जी को आमंत्रण**: - गणेश जी के स्वागत के लिए भजन गाएं और उन्हें आमंत्रण दें। यह भी                                                             कहा जाता है कि गणेश जी के समक्ष अपनी मनोकामनाएं और                                                                         प्रार्थनाएं रखें।
 7. **आरती और समाप्ति**: - पूजा के बाद गणेश जी की आरती करें। - पूजा समाप्त करने से पहले,                                                     गणेश जी को धन्यवाद दें और आश्वासन दें कि अगले साल फिर से आने की                                                     प्रार्थना करें।
 8. **विसर्जन**: - गणेश चतुर्थी के अंतिम दिन (अनंत चतुर्दशी) गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन किया                                         जाता है।  विसर्जन के समय भव्य जुलूस और संगीत के साथ मूर्ति को नदी या तालाब                                 में विसर्जित करें। इस प्रकार, गणेश जी की स्थापना करने से पहले और बाद में                                             विधिपूर्वक पूजा करना महत्वपूर्ण है। यह पर्व खुशी और समृद्धि लेकर आता है।




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